मेरी गुस्ताखियो को माफ़ करना
मै तुम्हे तुम्हारी इजाजत के बिना याद करता हूँ।
मै तुम्हे तुम्हारी इजाजत के बिना याद करता हूँ।
दर्द तो ऐसे पीछे पड़ा है मेरे,
जैसे मैं उसकी पहली मोहब्बत हूँ।
छुपी होती है लफ्जों में गहरी राज की बातें..
लोग शायरी या मज़ाक समझ के बस मुस्कुरा देते हैं
उदासी का भी दिल नहीं लग रहा था कहीं..
सो मेरे पास आ कर बैठ गई है।
उल्फ़त के मारों से ना पूछों आलम इंतज़ार का..
पतझड़ सी है ज़िन्दगी और ख्याल है बहारो का।
ऐ हवा मत छेड़ा कर उसकी जुल्फों को यूं,
तुम्हारे लिए तो खेल हुआ, मेरी जान पे बन आती है।
अरे ओ दिल कब तक तुझे समझाये कोई,
इतनी मुद्दत में तो पागल भी सुधर जाते है।
बात कोई और होती तो हम कह भी देते उनसे,
कम्बखत मोहब्बत है.. बताई भी तो नही जाती।
सुनो.. यूँ उदास मत बैठो अजनबी से लगते हो,
प्यारी बातें नहीं करना है तो चलो झगड़ा ही कर लो।
गलत फहमी का एक पल इतना जहरीला होता है..
जो प्यार भरे सौ लम्हों को.. एक पल में भुला देता है।
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